फागण में उड़े रे गुलाल,
के आओ होली खेला जी,
के आओ होली खेला जी,
खाटू में मची रे धमाल,
के आओ होली खेला जी,
फागुण में उड़े रे गुलाल,
के आओ होली खेला जी।।
तर्ज – होलिया में उड़े रे गुलाल।
भक्ता को है मन हर्षायो,
भक्ता को है मन हर्षायो,
रंग प्रेम को थाने लगायो,
रंग प्रेम को थाने लगायो,
रंग चढ़ गया प्रेम कमाल,
के आओ होली खेला जी,
फागुण में उड़े रे गुलाल,
के आओ होली खेला जी।।
साँवरिया सागे खेला होली,
साँवरिया सागे खेला होली,
दूर दूर सू आई है टोली,
दूर दूर सू आई है टोली,
होली खेला बाबा श्याम,
के आओ होली खेला जी,
फागुण में उड़े रे गुलाल,
के आओ होली खेला जी।।
चंग ढोलक की थाप है बाजी,
चंग ढोलक की थाप है बाजी,
हो गयो श्याम धनी म्हारो राजी,
हो गयो श्याम धनी म्हारो राजी,
‘पगली’ नाचे दे दे ताल,
के आओ होली खेला जी,
फागुण में उड़े रे गुलाल,
के आओ होली खेला जी।।
‘देव’ भी खुश हो श्याम ने मनावे,
‘देव’ भी खुश हो श्याम ने मनावे,
‘राही’ श्याम के रंग रंग जावे,
‘राही’ श्याम के रंग रंग जावे,
बाबो हो गयो काले से लाल,
के आओ होली खेला जी,
फागुण में उड़े रे गुलाल,
के आओ होली खेला जी।।
फागण में उड़े रे गुलाल,
के आओ होली खेला जी,
के आओ होली खेला जी,
खाटू में मची रे धमाल,
के आओ होली खेला जी,
फागुण में उड़े रे गुलाल,
के आओ होली खेला जी।।
स्वर – भाविका ‘पगली’