छायें गम के अँधेरे भी हो,
मेरी कश्ती भंवर में भी हो,
मेरी मंजिल मेरा श्याम है,
श्याम प्रेमी को विश्वास है,
हर कदम पे मेरे साथ है,
श्याम प्रेमी को विश्वास है,
छाए गम के अँधेरे भी हो,
मेरी कश्ती भंवर में भी हो।।
तर्ज – जिंदगी प्यार का गीत है।
सारी दुनिया ने धोंखे दिए,
श्याम तुमने ये जीवन दिया,
सब ने तनहा अकेला किया,
श्याम तुमने शरण ले लिया,
अपने गले लगाया है श्याम,
मुझे अपना बनाया है श्याम,
छाए गम के अँधेरे भी हो,
मेरी कश्ती भंवर में भी हो।।
श्याम कुंड का निर्मल जल पिने से,
आलूसिंह जी के चरण छूने से,
श्याम भक्ति में चूर मिले,
श्याम बगिया के फुल खिले,
हारे का साथी श्याम मिला,
हर बगिया का फुल खिला,
छाए गम के अँधेरे भी हो,
मेरी कश्ती भंवर में भी हो।।
जो तुफानो से लड़ जाते है,
श्याम प्रेमी ही कहलाते है,
खाटू नगरी जो आ जाते है,
श्याम प्रेमी वो बन जाते है,
‘सौरभ शर्मा’ को ये आस है,
खाटू वाला मेरे पास है,
छाए गम के अँधेरे भी हो,
मेरी कश्ती भंवर में भी हो।।
छायें गम के अँधेरे भी हो,
मेरी कश्ती भंवर में भी हो,
मेरी मंजिल मेरा श्याम है,
श्याम प्रेमी को विश्वास है,
हर कदम पे मेरे साथ है,
श्याम प्रेमी को विश्वास है,
छाए गम के अँधेरे भी हो,
मेरी कश्ती भंवर में भी हो।।
गायक – सौरभ शर्मा।
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