म्हारे मन में लागो चाव,
ईब के जास्यूं श्याम के द्वार,
आयो फागणो रो त्यौहार सगला,
चालो जी चालो खाटू धाम,
ओ भक्ता चालो जी चालो खाटू धाम।।
तर्ज – मैंने पायल है छनकाई।
श्याम को हेलो आयो,
यो झालो देके बुलायो,
करे है याद सांवरिया,
लुटावे प्यार,
म्हारो मनड़ो है हरशायो,
झूमूँ नाचू खुशियां मनाऊँ,
उड़ रही रंग अबीर गुलाल सगला,
चालो जी चालो खाटू धाम,
ओ भक्ता चालो जी चालो खाटू धाम।।
श्याम की महिमा न्यारी,
आवे लाखों नर नारी,
बैठ्यो है लखदातारी,
ओ बाबो श्याम,
दुल्हन बन गई खाटू नगरीया,
टेढ़ी मेढ़ी है डगरिया,
डोरी खींच रह्यो दातार सगला,
चालो जी चालो खाटू धाम,
ओ भक्ता चालो जी चालो खाटू धाम।।
श्याम का दर्शन पाऊं,
नया नया भजन सुनाऊँ,
श्याम की दीवानी बन के.
मैं झूमूँ रे,
ईब के ‘विकास’ भी खाटू आवे,
श्याम ने मन की बात सुनावे,
झोली भर देलो लखदातार सगला,
चालो जी चालो खाटू धाम,
ओ भक्ता चालो जी चालो खाटू धाम।।
म्हारे मन में लागो चाव,
ईब के जास्यूं श्याम के द्वार,
आयो फागणो रो त्यौहार सगला,
चालो जी चालो खाटू धाम,
ओ भक्ता चालो जी चालो खाटू धाम।।
स्वर – अन्नू मिश्रा।