देख्या घणा ही मैं तो सेठ,
म्हारो तो सेठ सांवरियो,
म्हारो तो सेठ सांवरियो,
म्हारो तो सेठ सांवरियो,
देख्या घणा हीं मैं तो सेठ,
म्हारो तो सेठ सांवरियो।।
दुनिया देवे दे के गिणावे,
मांगण जाओ तो हंसी उडावे,
मांग्या भरे ना कोई पेट,
म्हारो तो सेठ सांवरियो,
देख्या घणा हीं मैं तो सेठ,
म्हारो तो सेठ सांवरियो।।
दुनिया से दातारी उठ गई,
दान धरम की गठरी लुट गई,
दुनिया में दानी बस एक,
म्हारो तो सेठ सांवरियो,
देख्या घणा हीं मैं तो सेठ,
म्हारो तो सेठ सांवरियो।।
श्याम के जैसो सेठ ना कोई,
पल में जगा दे तेरी किस्मत सोई,
बदले तक़दीर को लेख,
म्हारो तो सेठ सांवरियो,
देख्या घणा हीं मैं तो सेठ,
म्हारो तो सेठ सांवरियो।।
श्याम धनी की देखि सेठाई,
दान भी देवे सागे देवे बढाई,
बनवारी तू भी जा के देख,
म्हारो तो सेठ सांवरियो,
देख्या घणा हीं मैं तो सेठ,
म्हारो तो सेठ सांवरियो।।
देख्या घणा ही मैं तो सेठ,
म्हारो तो सेठ सांवरियो,
म्हारो तो सेठ सांवरियो,
म्हारो तो सेठ सांवरियो,
देख्या घणा हीं मैं तो सेठ,
म्हारो तो सेठ सांवरियो।।
स्वर – पुरषोत्तम अग्रवाल जी।