मेरे यो मन भावे साँवरा,
मेरे यूँ मन भावे साँवरा जी,
वो खाटू का सरदार,
मेरे काम यो आवे साँवरा,
बड़ा काम वो आवे साँवरा,
मेरे यूँ मन भावे साँवरा,
मेरे यूँ मन भावे साँवरा जी।।
मैं जब जब आऊँ द्वार पे,
हो इतना बरसावे प्यार,
मन्ने गले लगावे साँवरा,
मन्ने गले लगावे साँवरा।।
झोली जब भी फैलाऊं मैं,
झट भर देवे करतार,
खाली ना लौटावे साँवरा,
खाली ना लौटावे साँवरा।।
है लाख दुखो की इक दवा,
यो मोरछड़ी का भार,
दुख दूर भगावे साँवरा,
दुख दूर भगावे साँवरा।।
पलटेंगे सब दिन ये बुरे,
‘गजसिंग’ तू धीरज धर,
मन्ने यूँ समझावे साँवरा,
मन्ने यूँ समझावे साँवरा।।
मेरे यो मन भावे साँवरा,
मेरे यूँ मन भावे साँवरा जी,
वो खाटू का सरदार,
मेरे काम यो आवे साँवरा,
बड़ा काम वो आवे साँवरा,
मेरे यूँ मन भावे साँवरा,
मेरे यूँ मन भावे साँवरा जी।।
स्वर – निशा दत्त।