लोग मुझे कहते है,
खाटू क्यों जाते हो,
मैं उनसे कहता हूँ,
मैं उनसे कहता हूँ,
खाटू जाने वालों का,
हर काम हो गया,
हर काम हो गया,
बाबा ने किरपा कर दी,
मेरा भी नाम हो गया।।
तर्ज – प्यार करने वाले कभी।
खाटू वाले श्याम धणी,
तू हारे का सहारा,
देख लिया इस जग को हमने,
कोई नहीं हमारा,
तू गिरते को उठाता,
पल में साथ निभाता,
चमत्कार दिखलाता,
चमत्कार दिखलाता,
जो दर्द मुझे मिलता था,
अब आराम हो गया,
आराम हो गया,
बाबा ने किरपा कर दी,
मेरा भी नाम हो गया।।
हारता हूँ जब इस दुनिया से,
जी मेरा घबराता,
आँखे नम हो जाती,
सांवरिया सिर पे हाथ फिराता,
मुझे नहीं झुकने देता,
मुझे नहीं रोने देता,
बांहों में भर लेता,
बांहों में भर लेता,
मेरा घर परिवार,
खाटू धाम हो गया,
खाटू धाम हो गया,
बाबा ने किरपा कर दी,
मेरा भी नाम हो गया।।
‘आरती शर्मा’ तेरी लाडली,
तुझे रिझाने आती है,
प्यारे प्यारे भजन सुनाके,
तुझको रोज मनाती है,
‘राज मित्तल’ ने लिखा है,
सबसे यही कहा है,
तूने दिल का हाल सुना है,
दिल का हाल सुना है,
हर प्रेमी की जुबां पर,
तेरा नाम हो गया,
जय श्री श्याम हो गया,
बाबा ने किरपा कर दी,
मेरा भी नाम हो गया।।
लोग मुझे कहते है,
खाटू क्यों जाते हो,
मैं उनसे कहता हूँ,
मैं उनसे कहता हूँ,
खाटू जाने वालों का,
हर काम हो गया,
हर काम हो गया,
बाबा ने किरपा कर दी,
मेरा भी नाम हो गया।।
गायिका – आरती शर्मा।