सेठो के सेठ हो तुम मेरे श्याम धणी,
तेरी मोर छड़ी की है सकलाई बड़ी,
तू दिल वाला दातारि है।।
तर्ज – तुझे ना देखूं तो चैन।
तुझसा ना दूजा देखा सांवरे यहाँ,
तुझसे ही माँगे आके सारा जहाँ,
सारे जाग का तू ही पालनहारा है,
हारे का बाबा तू ही सहारा है,
सहारा है,
खुशियाँ देकर तोड़ी दुख की हथकड़ी,
सेठों के सेठ हो तुम मेरे श्याम धणी।।
तेरी मोरछड़ी जिसके सर पे पड़ती,
दुखड़े मिटाती करामात करती,
हाथों में तुम्हारे जब ये लहराए,
देख मुसीबत मोरछड़ी को घबराए
हाँ घबराए,
है जादूगरी बाबा तेरी मोरछड़ी,
सेठों के सेठ हो तुम मेरे श्याम धणी।।
लीलाधारी लीले असवारी हो,
शीश के दानी कलयुग अवतारी हो,
इस कलयुग के देव तुम निराले हो,
‘कुंदन’ प्रेमियों के रखवाले हो,
रखवाले हो,
चमकी किस्मत जिसपे तेरी नज़रें पड़ी,
सेठों के सेठ हो तुम मेरे श्याम धणी।।
सेठो के सेठ हो तुम मेरे श्याम धणी,
तेरी मोर छड़ी की है सकलाई बड़ी,
तू दिल वाला दातारि है।।
स्वर – क्षमा जौहरी।