रात भर नाचूं खाटू में,
बड़ी ही किस्मत वाला मैं,
जो आया तेरे द्वारे ओ श्याम,
रात भर नाचूं खाटू में,
बस लेकर तेरा नाम,
रात भर नाचू खाटू में,
बस लेकर तेरा नाम।।
तर्ज – यार तेरा चेतक पे।
दरबार सजे है फूलों से,
और झांकी तेरी न्यारी है
सारे जग में कहीं ना मिलेगी,
ऐसी शोभा थारी है,
आया जब से देख रहा मैं,
मुखड़ा तेरा प्यारा श्याम,
रात भर नाचू खाटू में,
बस लेकर तेरा नाम।।
शाम सवेरे देखूं तुझको,
कितना सुंदर रूप है,
तेरा साथ है ठंडी छाया,
बाकी दुनिया तो धूप है,
जब भी जग से हारूँ,
मुझको देता तू सहारा श्याम,
रात भर नाचू खाटू में,
बस लेकर तेरा नाम।।
लिखने का कोई शौक नहीं,
तेरी याद नहीं कलम थमा दी है,
रोग तेरी यारी ऐसा लगा,
अश्कों की स्याही मिला दी है,
‘सोनी’ की कलम है छोटी,
और तेरी महिमा अपरंपार,
रात भर नाचू खाटू में,
बस लेकर तेरा नाम।।
बड़ी ही किस्मत वाला मैं,
जो आया तेरे द्वारे ओ श्याम,
रात भर नाचूं खाटू में,
बस लेकर तेरा नाम,
रात भर नाचू खाटू में,
बस लेकर तेरा नाम।।
गायक – पंकज सोनी।