बड़ी देर भई कब आओगे मेरे हनुमान,
बड़ी देर भई बड़ी देर भई,
कब आओगे मेरे हनुमान,
बूटी लाओगे मेरे हनुमान,
लक्ष्मण के प्राण है संकट में,
तुम आके बचा लो उसके प्राण,
तुम आके बचा लो उसके प्राण,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई।।
बीत ना जाए रात अँधेरी,
होने ना पाए अब उजियारा,
सूर्योदय संग जाता रहेगा,
लखन मेरी आँखों का तारा,
क्या मुंह ले अयोध्या को जाऊं,
मेरी रख लेना बजरंगी लाज,
मेरी रख लेना हनुमंता लाज,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई,
कब आओगे मेरे हनुमान,
बूटी लाओगे मेरे हनुमान,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई।।
टूट रही है आस की डोरी,
छुट रहा विश्वास ये मेरा,
एक ही आशा एक भरोसा,
हे बजरंगी अब है तेरा,
सुबह होने से पहले तू आना,
नही देर लगाना हनुमान,
नही देर लगाना हनुमान,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई,
कब आओगे मेरे हनुमान,
बूटी लाओगे मेरे हनुमान,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई।।
लखन के जो ना प्राण बचेंगे,
राम भी समझो मर जाएगा,
लखन बिना है राम अधुरा,
उसके बिना ना रह पाएगा,
अब तेरे ही हाथों हनुमाना,
हम दोनों के अटके है प्राण,
हम दोनों के अटके है प्राण,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई,
कब आओगे मेरे हनुमान,
बूटी लाओगे मेरे हनुमान,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई।।
बड़ी देर भई बड़ी देर भई,
कब आओगे मेरे हनुमान,
बूटी लाओगे मेरे हनुमान,
लक्ष्मण के प्राण है संकट में,
तुम आके बचा लो उसके प्राण,
तुम आके बचा लो उसके प्राण,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई।।
गायक – राकेश काला।