मेरी किस्मत में कुछ नहीं बाबा,
नाम सुनकर के तेरा आया हूँ,
डाल दे भीख मेरी झोली में,
अब तुझे आजमाने आया हूँ,
मेंरी किस्मत में कुछ नहीं बाबा।।
तर्ज – मेरी किस्मत में तू नही।
हर तरफ शोर अब तुम्हारा है,
सच कहूँ जोर अब तुम्हारा है,
दिन दुखियों का तू सहारा है,
पापियों को भी तूने तारा है,
पापियों को भी तूने तारा है,
ऐ शहंशाह मैं तेरे दर पे खड़ा,
अपनी फरियाद ले के आया हूँ,
डाल दे भीख मेरी झोली में,
अब तुझे आजमाने आया हूँ,
मेंरी किस्मत में कुछ नहीं बाबा।।
लौट कर अब ना खाली जाऊंगा,
हर ख़ुशी दर से तेरे पाउँगा,
मुझको तेरा सहारा मिल जाए,
फूटी किस्मत मेरी संवर जाए,
फूटी किस्मत मेरी संवर जाए,
बदनसीबो का तू ठिकाना है,
बड़ी उम्मीद ले के आया हूँ,
डाल दे भीख मेरी झोली में,
अब तुझे आजमाने आया हूँ,
मेंरी किस्मत में कुछ नहीं बाबा।।
जिसकी किस्मत में कुछ नही होता,
उसको भी दर पे ये बुलाता है,
फिर से लिखता है उसकी किस्मत को,
सारे पापों को ये मिटाता है,
सारे पापों को ये मिटाता है,
ऐसा दातार फिर ना पाओगे,
‘योगी’ ये बात सच बताता हूँ,
खुशियों से भर दी इसने झोली मेरी,
हर घड़ी मौज मैं मनाता हूँ,
मेंरी किस्मत में कुछ नहीं बाबा।।
मेरी किस्मत में कुछ नहीं बाबा,
नाम सुनकर के तेरा आया हूँ,
डाल दे भीख मेरी झोली में,
अब तुझे आजमाने आया हूँ,
मेंरी किस्मत में कुछ नहीं बाबा।।
गायक – अजय शर्मा जी।