डाकिया जा जा जा,
डाकीया जा जा जा,
इस फागुण की पहली चिठ्ठी,
खाटू में दे आ,
डाकीया जा जा जा,
डाकीया जा जा जा।।
तर्ज – कबूतर जा जा।
वहाँ का मौसम बड़ा हसी है,
फिर भी दास उदास है,
उनसे कहना दूर सही मैं,
दिल तो उन्ही के पास है,
तू ये संदेसा जल्दी ले जा,
मैं पीछे आया,
डाकीया जा जा जा,
डाकीया जा जा जा।।
स्वर्ग सी धरती अजब नजारा,
चारो ओर बहार है,
मैं ही अकेला यहाँ पे बैठा,
मुझसे क्या तकरार है,
तू ये संदेसा जल्दी सुनाना,
अब मैं हार गया,
डाकीया जा जा जा,
डाकीया जा जा जा।।
चारो धाम से प्यारा बाबा,
तेरा खाटू धाम है,
रींगस से खाटू तक देखो,
श्याम नाम जयकार है,
मैं पीछे कैसे रहता हूँ,
अब तो श्याम बता,
डाकीया जा जा जा,
डाकीया जा जा जा।।
अर्जी तेरी पहुँच गई है,
खाटू के दरबार में,
खाटू वाला खुद ही बोला,
बैठा इंतजार में,
‘राजेश महावर’ आन पड़ा है,
पहुँच गया दरबार,
डाकीया जा जा जा,
डाकीया जा जा जा।।
डाकिया जा जा जा,
डाकीया जा जा जा,
इस फागुण की पहली चिठ्ठी,
खाटू में दे आ,
डाकीया जा जा जा,
डाकीया जा जा जा।।
गायक – राजेश जी महावर।