मेरा कान्हा पागल हो गया,
गुजरियो के मेले में,
किसी की मटकी फोड़ी,
किसी की बईयाँ मरोड़ी,
और डर डर के सब दौड़ी,
मेंरा कान्हा पागल हो गया,
गुजरियो के मेले में।।
तर्ज – दिल चोरी साटा हो गया।
गोकुल में हल्ला भारी,
अरे कहाँ गए वो मुरारी,
ग्वाल बाल सब ढूंढे,
और ढूंढे राधा प्यारी,
वो तो मुरली संग में ले गया,
गुजरियो के मेले में,
मेंरा कान्हा पागल हो गया,
गुजरियो के मेले में।।
देखो ये मुरली वाला,
अब बन गया खाटू वाला,
कलयुग का देव निराला,
है भक्तो का रखवाला,
ये तो शीश का दान दे गया,
महाभारत के रेले में,
मेंरा कान्हा पागल हो गया,
गुजरियो के मेले में।।
हर गुजरी दिल से चाहे,
मेरा कान्हा मुझे सताए,
और मन ही मन में सोचे,
वो मेरा माखन खाए,
वो तो सबका माखन खा गया,
गुजरियो के मेले में,
मेंरा कान्हा पागल हो गया,
गुजरियो के मेले में।।
‘हरी ॐ’ जो इन्हें रिझाए,
अपना ये उसे बनाए,
मेरे श्याम की महिमा भारी,
‘सोनी मारवाल’ मिल गाए,
हर भक्त ही पागल हो गया,
गुजरियो के मेले में,
मेंरा कान्हा पागल हो गया,
गुजरियो के मेले में।।
मेरा कान्हा पागल हो गया,
गुजरियो के मेले में,
किसी की मटकी फोड़ी,
किसी की बईयाँ मरोड़ी,
और डर डर के सब दौड़ी,
मेंरा कान्हा पागल हो गया,
गुजरियो के मेले में।।
गायक – सोनी मारवाल।