खाटू की माटी पावन,
जिसकी महिमा अपरम्पार,
किस्मत वाले आते,
मेरे श्याम धणी के द्वार,
किस्मत वाले आते,
मेरे श्याम धणी के द्वार।।
तर्ज – सावन का महिना।
खाटू में मेला लगता,
देखो बड़ा भारी,
दर्शनों का प्यासा दिखे,
हर नर नारी,
अपने प्रेमी से मिलने,
को रहता ये तैयार,
किस्मत वाले आते,
मेरे श्याम धणी के द्वार,
किस्मत वाले आते,
मेरे श्याम धणी के द्वार।।
जिनको बुलाए बाबा,
भाग्य उनके जागे,
जिन्दगी से संकट पल में,
देखो कैसे भागे,
मोरछड़ी के झाड़े,
का है ये चमत्कार,
किस्मत वाले आते,
मेरे श्याम धणी के द्वार,
किस्मत वाले आते,
मेरे श्याम धणी के द्वार।।
खाटू की गलियाँ प्यारी,
सुन्दर नज़ारे,
कण कण से गूंजे मेरे,
श्याम के जयकारे,
बाबा के रहमो करम से,
चले कितनो का परिवार,
किस्मत वाले आते,
मेरे श्याम धणी के द्वार,
किस्मत वाले आते,
मेरे श्याम धणी के द्वार।।
श्रद्धा की कलम में,
भावों की स्याही,
मन की बाते लिखूं जिससे,
श्याम कन्हाई,
‘रूबी रिधम’ पर किरपा,
तुम रखना लखदातार,
किस्मत वाले आते,
मेरे श्याम धणी के द्वार,
किस्मत वाले आते,
मेरे श्याम धणी के द्वार।।
खाटू की माटी पावन,
जिसकी महिमा अपरम्पार,
किस्मत वाले आते,
मेरे श्याम धणी के द्वार,
किस्मत वाले आते,
मेरे श्याम धणी के द्वार।।
Singer – Janvi Aggarwal