अपना तो खाटू वाला,
ये लीले घोड़े वाला, सांवरा,
भक्तो का रखवाला,
ये मुरली वाला,
भक्तो का रखवाला।।
तर्ज – अपनी तो जैसे तैसे।
श्याम की किरपा से कश्ती,
तुफानो में तैरती,
कितनी भी ऊँची हो लहरें,
कश्ती को ना छेड़ती,
बन के माझी खुद कन्हैया,
ही निभाता साथ है,
सांवरा जब साथ है तो,
डरने की क्या बात है,
बिगड़ी बनाने वाला,
दुखड़े मिटाने वाला, सांवरा,
भक्तो का रखवाला,
ये मुरली वाला,
भक्तो का रखवाला।।
जिसने भी दिल से पुकारा,
श्याम उसका हो गया,
वो कहीं का ना रहा फिर,
बस इसी का हो गया,
बस गई नैनो में ये,
सूरत सलोने श्याम की,
दौलतें दुनिया की फिर उसके,
भला किस काम की,
ये तिरछे नैनों वाला,
जादू चलाने वाला, सांवरा,
भक्तो का रखवाला,
ये मुरली वाला,
भक्तो का रखवाला।।
प्रेम का रसिया कन्हैया,
प्रेम करके देख ले,
मस्तियाँ ऐसी मिलेगी,
दिल लगाकर देख ले,
इसके रहते तू अकेला,
है नहीं संसार में,
ना कमी कुछ भी है मेरे,
श्याम के दरबार में,
‘संजू’ कहे दिलवाला,
साथ निभाने वाला, सांवरा,
भक्तो का रखवाला,
ये मुरली वाला,
भक्तो का रखवाला।।
अपना तो खाटू वाला,
ये लीले घोड़े वाला, सांवरा,
भक्तो का रखवाला,
ये मुरली वाला,
भक्तो का रखवाला।।
स्वर – संजू शर्मा जी।
प्रेषक – सलोनी अग्रवाल।