तू जो आ जाए एक पल सांवरिया,
दीवाना ये आलम हो जाएगा,
मेरा घर गोकुल मथुरा होगा,
मेरा घर गोकुल मथुरा होगा,
कभी ये वृद्धावन हो जाएगा,
तू जो आ जाए एक पल साँवरिया,
दीवाना ये आलम हो जाएगा।।
तर्ज – गोरे रंग पे ना इतना गुमान।
मैं तेरा दीवाना,
दीवाने की ये बात तो मानोगे,
सांवरे सलोने,
देखोगे मेरा हाल तो जानोगे,
गर थोड़ी सी तू नजर कर दे,
गर थोड़ी सी तू नजर कर दे,
जन्मों का बंधन हो जाएगा,
तू जो आ जाए एक पल साँवरिया,
दीवाना ये आलम हो जाएगा।।
तेरे आ जाने से,
कुटिया मेरी मंदिर बन जाएगी,
आरती सजेगी,
श्रृंगार की छब मन लुभाएगी,
गुणगान तेरा हर दम होगा,
गुणगान तेरा हर दम होगा,
पावन ये आँगन हो जाएगा,
तू जो आ जाए एक पल साँवरिया,
दीवाना ये आलम हो जाएगा।।
सूर ना सुदामा,
अदना सा तेरा भक्त हूँ ‘लहरी’,
बांसुरी सुना दे,
झुमुंगा नाचूँगा रे बनवारी,
दीदार तेरा हो सांवरिया,
दीदार तेरा हो सांवरिया,
मेरा दिल ये गुलशन हो जाएगा,
तू जो आ जाए एक पल साँवरिया,
दीवाना ये आलम हो जाएगा।।
तू जो आ जाए एक पल सांवरिया,
दीवाना ये आलम हो जाएगा,
मेरा घर गोकुल मथुरा होगा,
मेरा घर गोकुल मथुरा होगा,
कभी ये वृद्धावन हो जाएगा,
तू जो आ जाए एक पल साँवरिया,
दीवाना ये आलम हो जाएगा।।
स्वर – उमा लहरी जी।