जय जय जय गणपति देवा,
किर्तन में आना मेरे,
किर्तन में आ के विघ्न मिटा के,
कारज बनाना मेरे।।
तर्ज – फूलो सा चेहरा तेरा।
किर्तन में आना उमा जी को लाना,
महादेव जी को लाना साथ में,
ओ शंकर के प्यारे उमा के दुलारे,
मंगल करता सब के काज है,
सुन लेना परसधारी,
तू विनती हमारी,
भक्त मिल के है पुकारते तुझे,
मूषक पे होके सवार,
करता चमत्कार है,
किर्तन में आ के विघ्न मिटा के,
कारज बनाना मेरे।।
कंचन के जैसी काया है तेरी,
माथा सिंदूरी चमकदार है,
ओ चार भुजा धारी भक्त हितकारी,
महिमा तेरी अपरम्पार है,
तू काज बनाएगा,
तू दुःख मिटाएगा,
दया करना दयावान बनके,
“साखी” गुण हम गाएँ तेरे,
तू देवा शक्तिमान है,
किर्तन में आ के विघ्न मिटा के,
कारज बनाना मेरे।।
जय जय जय गणपति देवा,
किर्तन में आना मेरे,
किर्तन में आ के विघ्न मिटा के,
कारज बनाना मेरे।।
भजन लेखक – ताराचन्द खत्री (साखी)
+919887910107
– वीडियो उपलब्ध नहीं।