कृपा श्याम की साथ में,
रहती आठों याम,
और दर्शन मुझको देते,
और दर्शन मुझको देते,
मेरे खाटू वाले श्याम,
कृपा श्याम कीं साथ में,
रहती आठों याम।।
श्याम प्रभु से माँगा जो भी,
कभी नही इंकार किया,
थका था हारा इस दुनिया से,
मेरा श्याम ने साथ दिया,
ये यूँ ही नहीं कहलाता,
ये यूँ ही नहीं कहलाता,
इस जग का दीनानाथ,
कृपा श्याम कीं साथ में,
रहती आठों याम।।
फिरता था मैं मारा मारा,
कोई ना देता साथ था,
जबसे शरण में आया तेरी,
हर इंसा मेरे साथ था,
तब कोई नही सुनता था,
तब कोई नही सुनता था,
अब सुनता है संसार,
कृपा श्याम कीं साथ में,
रहती आठों याम।।
खाटू जाकर जब जब देखा,
बिगड़े सारे काम बने,
‘मयूर’ तू बाबा बन गया,
‘हरी’ का लखदातार बना,
बस इतनी किरपा करना,
बस इतनी किरपा करना,
तू रहना हरपल साथ,
कृपा श्याम कीं साथ में,
रहती आठों याम।।
कृपा श्याम की साथ में,
रहती आठों याम,
और दर्शन मुझको देते,
और दर्शन मुझको देते,
मेरे खाटू वाले श्याम,
कृपा श्याम कीं साथ में,
रहती आठों याम।।
गायक – मयूर गुप्ता जी।