सर पे चढ़ा है सबके खुमार,
दोहा – हाथ जोड़ विनती करूँ,
सुणियों चित्त लगाए,
दास आ गयो शरण में,
राखो म्हारी लाज।
सर पे चढ़ा है सबके खुमार,
दर्शन की लम्बी लम्बी कतार,
खोलो पट खोलो जी,
मेरे श्याम धणी,
बोलो कुछ तो बोलो जी,
मेरे श्याम धणी।।
तर्ज – आने से उसके आए बहार।
तुम हटा दो पर्दा,
हम भी देखे की कैसे सजे हो,
होता ना सबर है,
वक्त के हाथों कैसे बंधे हो,
प्रेम भरे भाव मेरे,
पाती मेरी पढ़ लो जी,
मेरे श्याम धणी,
बोलो कुछ तो बोलो जी,
मेरे श्याम धणी।।
खिल खिलाती खुशियाँ,
मेरे आँगन तुम्हारी वजह से,
गुन गुनाती गाती,
ये बहारे तुम्हारी वजह से,
मधुर मधुर मुस्काओ,
मिश्री सी घोलो जी,
मेरे श्याम धणी,
बोलो कुछ तो बोलो जी,
मेरे श्याम धणी।।
सर पे चढ़ा हैं सबके खुमार,
दर्शन की लम्बी लम्बी कतार,
खोलो पट खोलो जी,
मेरे श्याम धणी,
बोलो कुछ तो बोलो जी,
मेरे श्याम धणी।।
bahut sundar he nice
9893537890
mere salasarhanuman Sab dukh mitate hai
charon yug per Sahara bhed batteries hai