तेरे ही नाम के संग,
जोड़ लिया है नाता,
आज घर में किया है,
मैंने माँ का जगराता,
आज मेरे भी घर पे,
आई है दुर्गे माता,
आज घर में किया है,
मैंने माँ का जगराता।।
मैया तेरे नाम की है,
घर में ज्योति जगी,
तेरे ही नाम लौ,
सारे भक्तो को लगी,
दिन खुशियों का बड़ा,
आज तो आया है,
गणपति बप्पा को,
सबने मनाया है,
छोड़ दर को अपने,
मेरे घर आई है माँ,
खुशियाँ घर पे मेरे,
आज ले आई है माँ,
तेरा एक नाम ही तो,
मेरी जुबा पर आता,
आज घर में किया है,
मैंने माँ का जगराता।।
मैया का रूप सजा,
बड़ा ही प्यारा है,
तेरे दरबार सा माँ,
लगता नजारा है,
ओढ़े तू लाल चुनर,
मेहन्दी हाथ में,
आए संग भैरव तेरे,
बजरंग साथ में,
सबके संकट में,
दौड़ी आती मैया,
भव से पार करे,
भक्तो की नैया,
झोली भरती है मैया,
खाली ना कोई जाता,
आज घर में किया है,
मैंने माँ का जगराता।।
चने हलवे का तुझे,
भोग लगाऊंगा,
नारियल भेंट मैया,
तुझको चढाऊंगा,
कंजक रूप बन,
घर मेरे आओगी,
हाथों से मेरे भी,
भोग ये खाओगी,
खुल गए भाग्य मेरे,
जागा कराया है,
माँगा जो तुमसे,
सब मैंने पाया है,
तू ही चामुंडा तू ही मनसा,
तू ही दुर्गा माता,
आज घर में किया है,
मैंने माँ का जगराता।।
तेरे ही नाम के संग,
जोड़ लिया है नाता,
आज घर में किया है,
मैंने माँ का जगराता,
आज मेरे भी घर पे,
आई है दुर्गे माता,
आज घर में किया है,
मैंने माँ का जगराता।।
स्वर – मुकेश बागड़ा जी।