प्यार से बुलाओ तो,
मेरा श्याम आ ही जाता है,
दर पे रोते रोते आंसू जो बहाए,
सुन ये जाता है, सुन ये जाता है,
प्यार सें बुलाओ तो,
मेरा श्याम आ ही जाता है।।
तर्ज – शीशा हो या दिल हो।
संकट में जब आते है,
तब सब ही ठुकराते है,
कैसी दुनियादारी है,
सबने ठोकर मारी है,
आया मेरा श्याम प्यारा,
मैंने जब इसे पुकारा,
जब जब ये आता है,
हारा जीत जाता है,
प्यार सें बुलाओ तो,
मेरा श्याम आ ही जाता है।।
करते थे यकी सबपे,
सब तो हमारे है,
तूफा एक ऐसा आया,
उसने ये हमें बताया,
जिनपे हमको यकीं था,
वही साथ ना देगा,
जब सब छोड़ जाता है,
मेरा श्याम तब ये आता है,
प्यार सें बुलाओ तो,
मेरा श्याम आ ही जाता है।।
श्याम के दर जो आते है,
नाम अमर कर जाते है,
बिन मांगे सब मिलता है,
श्याम से नाता दिल का है,
श्याम की महिमा जो गाते है,
श्याम के रंग में वो रंग जाते है,
हारकर जो आता है,
मेरा श्याम अपनाता है,
प्यार सें बुलाओ तो,
मेरा श्याम आ ही जाता है।।
प्यार से बुलाओ तो,
मेरा श्याम आ ही जाता है,
दर पे रोते रोते आंसू जो बहाए,
सुन ये जाता है, सुन ये जाता है,
प्यार सें बुलाओ तो,
मेरा श्याम आ ही जाता है।।
स्वर – अमरकांत जी मिश्रा।