श्री राम की मस्ती में,
हर पल रहने वाले,
है शत शत नमन तुझे,
ओ सालासर वाले,
श्रीं राम की मस्ती में,
हर पल रहने वाले।।
सांसो में राम बसे,
सुमिरण में राम बसे,
हर रोम में बजरंगी,
प्रभु राम ही राम बसे,
रघुवर की चौखट पे,
बैठे बन रखवाले,
श्रीं राम की मस्ती में,
हर पल रहने वाले।।
सीने को चीर दिया,
शंका ही मिटा डाली,
प्रभु राम का नाम लिया,
लंका को जला डाली,
श्री राम नाम अंकित,
कुटिया को बचा डाले,
श्रीं राम की मस्ती में,
हर पल रहने वाले।।
तू राम के गुण गाये,
तुझे राम भजन भाये,
जहाँ राम की चर्चा हो,
वहां ‘हर्ष’ तुझे पाये,
प्रभु राम की महिमा सुन,
हो जाते मत वाले,
श्रीं राम की मस्ती में,
हर पल रहने वाले।।
श्री राम की मस्ती में,
हर पल रहने वाले,
है शत शत नमन तुझे,
ओ सालासर वाले,
श्रीं राम की मस्ती में,
हर पल रहने वाले।।
स्वर – स्वाति जी अग्रवाल।