कलश माई कला,
नेजा रे माई नूर।
दोहा – रामा सामा आवजो,
कलजुग बहे रे करू,
अरज करू अजमाल रा,
हेलो साम्भलजो हुजूर।
कलश माई कला,
नेजा रे माई नूर,
देवरा में ऊबो मारो,
हाथ रे हुजूर,
जियो पिरजी ए हा।।
अरे मेले रे मसूरीये,
गोसाईजी रो धाम,
अरे पीरजी पधारीया,
ओ पीरजी पधारीया,
घोडा री घमसान,
जियो पिरजी ए हा।।
अरे विरमदेव री झोपड़ी,
चंग बाजे ढोल,
अरे रामदेव पधारीया,
ओ पीरजी पधारीया,
धूपा री घमरोल,
जियो पिरजी ए हा।।
अरे रामसरोवर री,
डीगी डीगी पाल,
अरे जातरू आवे ज्यारो,
पायो कोनी पार,
ओ जातरू आवे ज्यारो,
पायो कोनी पार,
जियो पिरजी ए हा।।
ए पांच तो पीपली,
पांचो ही पीर,
चौपड खेले बाई,
सुगना रो बीर,
ओ चौपड खेले बाई,
सुगना रो बीर,
जियो पिरजी ए हा।।
लिलोडा नारेल लियो,
पावटीया री पाल,
अरे दोई कर जोड बोले,
मनो मेघवाल,
हे दोई कर जोड बोले,
मनो मेघवाल,
जियो पिरजी ए हा।।
कलश माई कला,
नेजा रे माई नूर,
देवरा में ऊबो मारो,
हाथ रे हुजूर,
जियो पिरजी ए हा।।
गायक – प्रकाश जी माली।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818