केसर बरस्यो देखो केसर बरस्यो,
दोहा – बिलाड़ा धाम हद सोवनो,
ओ मारी आईमाता जी रो धाम,
साचे मनसु ध्यावे जो,
होसी पुरण काम।
केसर बरस्यो देखो केसर बरस्यो,
केसर बरस्यों देखों केसर बरस्यो,
ओ मारी आईजी री ज्योता माई,
केसर बरस्यो,
घणी खम्मा आईजी ने केसर बरस्यो,
घणी खम्मा आईजी ने केसर बरस्यो।।
भादरवा री बीज रो,
मेलो लागे भारी,
सीरवी समाज संग,
पूजे दुनिया सारी,
चारो गूट मे परचो है भारी,
नर और नारी थाने,
जावे वारी वारी वारी,
ओ थारो बिलाड़ा मे धाम,
बनियो प्यारो प्यारो,
घणी खम्मा आईजी ने केसर बरस्यो,
केसर बरस्यों देखों केसर बरस्यो।।
लाल कसुमल चुनडी,
मैया थारे लाया,
राखो भगतो पर मैया,
छतर छाया,
भगत घनेरा मैया,
द्वारे थारे आया,
दर्शन पाके मनडे,
खुशियाँ वे पाया,
परचो आई माँ रो लागे,
जग में साचो साचो,
घणी खम्मा आईजी ने केसर बरस्यो,
केसर बरस्यों देखों केसर बरस्यो।।
दूरा रा देशारा मैया,
बांध छेडा आवे,
मन्दरीया मे थारे,
जात दिरावे,
चूरमो चढावे थारे,
भोग लगावे,
जगमग दिवला री,
ज्योति जगावे,
थारे मिन्दरीया मे,
राती जोगा रा गीतडा गावे,
घणी खम्मा आईजी ने केसर बरस्यो,
केसर बरस्यों देखों केसर बरस्यो।।
बिलाड़ा मंदिर रे ऊपर,
ध्वजा लहरावे,
सीरवी भगत मैया,
शिश निवावे,
ढोल नगाडा थारे,
नोपत बाजे,
झालर री झनकारा गाजे,
ओ थाने माधुरी बुलावे,
मैया वेगा आवो,
ओ थाने भगत बुलावे,
मैया वेगा आवो,
घणी खम्मा आईजी ने केसर बरस्यो,
केसर बरस्यों देखों केसर बरस्यो।।
केसर बरस्यो देखो केसर बरस्यो,
केसर बरस्यों देखों केसर बरस्यो,
ओ मारी आईजी री ज्योता माई,
केसर बरस्यो,
घणी खम्मा आईजी ने केसर बरस्यो,
घणी खम्मा आईजी ने केसर बरस्यो।।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818