बचपन से तुम्हें मैनें माना प्रभु,
आज आकर भुलाना,
ये ठीक नहीं,
हूँ तेरा ही तो मैं,
तु मेरा है प्रभु,
आज आंखें चुराना,
ये ठीक नहीं,
बचपन से तुम्हे।।
तर्ज – मैं तेरे इश्क में।
तु तो जाणें है दास कमजोर है,
तेरे द्वारे खड़ा कर जोड़ है,
फिर भी तु, करता क्यों,
ना दया की नज़र,
तेरे होते फिरु मारा मारा प्रभु,
देख इतना रुलाना,
तो ठीक नहीं,
हूँ तेरा ही तो मैं,
तु मेरा है प्रभु,
आज आंखें चुराना,
ये ठीक नहीं,
बचपन से तुम्हे।।
तेरी लीला है क्या मेरे सांवरा,
बैठा दर पे निहारे तेरा बावरा,
ये बता, तु कहां,
देखता है किधर,
दिल की मज़बुरिया,
है बताना प्रभु,
रोज़ करना बहाना,
ये ठीक नहीं,
हूँ तेरा ही तो मैं,
तु मेरा है प्रभु,
आज आंखें चुराना,
ये ठीक नहीं,
बचपन से तुम्हे।।
तेरे हाथों में जीवन की डोर है,
ध्यान तेरा नहीं क्यों मेरी ओर है,
हूँ परेशान मैं, आजा तु एक बर,
दास की विनती,
ना भुलाना प्रभु,
ये ज़माना हसाना,
तो ठीक नहीं,
हूँ तेरा ही तो मैं,
तु मेरा है प्रभु,
आज आंखें चुराना,
ये ठीक नहीं,
बचपन से तुम्हे।।
है पता के तु आये मेरे सांवरे,
दीन दुख़ियों को है तेरी छांव रे,
है भरोसा तेरा, साथ तेरा रहे,
अब तेरे बिन रहे,
‘देवकी’ ना प्रभु,
ना लगाया कलेजे,
तो ठीक नहीं,
हूँ तेरा ही तो मैं,
तु मेरा है प्रभु,
आज आंखें चुराना,
ये ठीक नहीं,
बचपन से तुम्हे।।
बचपन से तुम्हें मैनें माना प्रभु,
आज आकर भुलाना,
ये ठीक नहीं,
हूँ तेरा ही तो मैं,
तु मेरा है प्रभु,
आज आंखें चुराना,
ये ठीक नहीं,
बचपन से तुम्हे।।
– गायक एवं प्रेषक –
देवकीनन्दन जी पेड़िवाल
(नेपाल)
+9779851149146