ऐ श्याम खाटू वाले,
खाटू मुझे बुला ले।
दोहा – काजल तो किरकिर करे,
और सुरमा फेल्यो जाए
उन नैनन में कौन बसे,
जिन नैनन श्याम समाय।
ऐ श्याम खाटू वाले,
खाटू मुझे बुला ले,
अपना बना के हमको,
अपने गले लगा ले,
अपना बना के हमको,
अपने गले लगा ले,
ऐ श्याम खाटु वाले,
खाटू मुझे बुला ले।।
चरणों का दास बनकर,
सेवा करूंगा तेरी,
जैसे भी रखोगे बाबा,
वही जिंदगी हो मेरी,
हमदर्द बन के सारे,
दर्दों को तू मिटा दे,
हमदर्द बन के सारे,
दर्दों को तू मिटा दे,
ऐ श्याम खाटु वाले,
खाटू मुझे बुला ले।।
हमने सुना है तू ही,
हारे का है सहारा,
मेरी नाव भंवर है अटकी,
सूझे नहीं किनारा,
नैया को हे खिवैया,
भव पार तू लगा दे,
नैया को हे खिवैया,
भव पार तू लगा दे,
ऐ श्याम खाटु वाले,
खाटू मुझे बुला ले।।
कहता है ‘पिंटू’ सबसे,
तेरे भजन जो गाता,
हारे का साथी बन कर,
हारे को तू जीताता,
जग में नहीं है दूजा,
तुमसा ओ मुरली वाले,
जग में नहीं है दूजा,
तुमसा ओ मुरली वाले,
ऐ श्याम खाटु वाले,
खाटू मुझे बुला ले।।
ऐ श्याम खाटु वाले,
खाटू मुझे बुला ले,
अपना बना के हमको,
अपने गले लगा ले,
अपना बना के हमको,
अपने गले लगा ले,
ऐ श्याम खाटु वाले,
खाटू मुझे बुला ले।।
स्वर – पिंटू शर्मा।