अनंत कोटी रूप देवी रो माँ,
पल पलटे मम माई,
बाल तरूण विरद बन जाई माँ,
दुनिया अचम्बे आई,
अलप भरोसे आई अमीया माँ,
बैठी बिलाड़ा रे माय,
घर भीकाजी डाबी रे जनमीया माँ,
जीजी नाम धराई।।
छ:सौ वर्ष री उमर आईजी री माँ,
मरूधर देशा मे आयी,
बारह करोड़ लेने महाबली राजा,
जश री जाजम ढलाई,
मरूधर देशा देवी मुकाम किदा माँ,
घर राठौडा रे माँ आयी,
अकेवड बांधी पोटीया माँ,
बैठी कलीया रे माई।।
ठाट पाठ कर जमो जागीयो माँ,
नवनिध्दी रिद्धि सिद्धी छाई,
राठौडो पे मेहर घणी आईजी री माँ,
कमी न राखे काई,
दास दिवान गोविन्द री पदवी दिनी माँ,
ग्यारह बडा हो गमजुग माई,
चार कुट मे छड़ी फिर रही माँ,
नवखंड करे है दुआयी।।
गिरी पूरी करे चाकरी माँ,
मनचित यहाँ फल पाई,
कल्पवृक्ष री छाया बैठने माँ,
मनवा चित फल पाई,
देश देश रा आवे जातरू माँ,
कोटी कलंक जड जाई,
आंधा ने आंखीया देवे आईजी माँ,
बांज्या रा पालना बंधाई।।
आदी राता रो जमो जागीयो माँ,
भेला मिल भवरा माई,
पाठ कलश गादी री पूजा करा माँ,
मीठा भोजन है सदाई,
लाखो दिपक जले कलुमे है माँ,
सब दीपो पर सिहाई,
देवी री ज्योत पडे पचरंग केसर,
आ कलुमे है बडी हुलकारी।।
ढोल नगाडा नोपत बाजता माँ,
पडे है निशानो है माँ भारी,
देवी रा जीवन इन्दूमतीरा जामा,
चौदस अटके नाही,
राजा रानी निवन करे घणा आईजी,
सीरवी निवे है सदाई,
दिवानो रे हिरदे बोले श्री आईमाता,
धर्म भूलो मत भाई।।
मोर पंथ सगला है घणा माँ,
मुक्ति रो पंथ बिलाड़ा माई,
जीवता देव जुग मे प्रकटीया माँ,
जिनरी करो गुलखाई,
आगे दिवान अमित जनमीया माँ,
पिर लिछमन पाठ पतराई,
लिछमन अवतार मारो सायबो माँ,
सनमुख देवी है सदाई।।
संगत पीर प्रकट पधारीया माँ,
हिरदे है संगत सदाई,
अगम पिचम री जाने सायबो माँ,
कल्पवृक्ष कलु माई,
राते भगोजी भगता रो भीडू घणो माँ,
उलक पट तजो माई,
जोतु ज्योति मे रमे जोगनी माँ,
पटवा लारी राखो भाई,
सहदेव स्वर्गा गया सतगुरु मारा,
मिलीया भगतो रे माई,
भगजी जगदीजी माँ री परभाती जी,
हेमाजी हर्ष सु माँ गाई,
जुग जुग चरणा माय राखजो आईजी,
गायो बिलाड़ा रे माई,
अनंत कोटी रूप देवी रो,
माँ पल पलटे मम माई।।
अनंत कोटी रूप देवी रो माँ,
पल पलटे मम माई,
बाल तरूण विरद बन जाई माँ,
दुनिया अचम्बे आई,
अलप भरोसे आई अमीया माँ,
बैठी बिलाड़ा रे माय,
घर भीकाजी डाबी रे जनमीया माँ,
जीजी नाम धराई।।
स्वर – श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818