बैठे बैठे के सोचे,
चल खाटू धाम ने,
जाने कितनों की किस्मत चमका दी,
बाबा श्याम ने,
जाने कितनों की किस्मत चमका दी,
बाबा श्याम ने।।
श्याम जैसा दातार नहीं,
मैंने ढूंढ लिया जग सारे में,
जो काम कहीं ना होता हो,
यो कर दे एक इशारे में,
जरा जोर लगा जयकारा में,
तज काम तमाम ने,
जाने कितनों की किस्मत चमका दी,
बाबा श्याम ने,
मेरी डूबी नैया पार लगा दी,
बाबा श्याम ने।।
रिगंस की रज माथे लाके,
श्याम निशान उठाना जी,
अमृत जल श्री श्याम कुंड का,
मल मल के फिर नहाना जी,
नजरों से नजर मिलाना जी,
पी मस्ती जाम ने,
जाने कितनों की किस्मत चमका दी,
बाबा श्याम ने,
मेरी डूबी नैया पार लगा दी,
बाबा श्याम ने।।
नैन से नैन मिलाके ने बस,
दो आँसू छलका देना,
फिर चरणों में गिर करके,
अपने दिल का हाल सुना देना,
‘प्रशांत देवेंद्र’ भजन सुनावे लखदातार ने,
जाने कितनों की किस्मत चमका दी,
बाबा श्याम ने,
मेरी डूबी नैया पार लगा दी,
बाबा श्याम ने।।
बैठे बैठे के सोचे,
चल खाटू धाम ने,
जाने कितनों की किस्मत चमका दी,
बाबा श्याम ने,
जाने कितनों की किस्मत चमका दी,
बाबा श्याम ने।।
Singer – Prashant Suryavanshi