हर टूटे दिल को,
जिसने लिया संभाल है,
वो सबका लखदातार,
सब उसके लाल है,
सजता खाटू में उसका,
वो दरबार है,
उसके लाल है,
उसके लाल है,
हर टूटें दिल को,
जिसने लिया संभाल है,
वो सबका लखदातार,
सब उसके लाल है।।
तर्ज – कब तक चुप बैठे।
मैं छोड़ के दुनिया सारी,
हूँ दर पे तेरे आया,
मैं छोड़ के दुनिया सारी,
हूँ दर पे तेरे आया,
अब प्राण जायेंगे मेरे,
जो तुमने ना अपनाया,
दर पे जो आता,
उसको किया निहाल है,
तेरे लाल है,
तेरे लाल है,
हर टूटें दिल को,
जिसने लिया संभाल है,
वो सबका लखदातार,
सब उसके लाल है।।
सुन कर के रुतबा तेरा,
मैं आया तेरी शरण में,
सुन कर के रुतबा तेरा,
मै आया तेरी शरण में,
चाकर मुझको तुम रखलो,
अपने दर और चरण में,
“मोहित” बस रो रो करता,
तेरा गुणगान है,
तेरे लाल है,
तेरे लाल है,
हर टूटें दिल को,
जिसने लिया संभाल है,
वो सबका लखदातार,
सब उसके लाल है।।
हर टूटे दिल को,
जिसने लिया संभाल है,
वो सबका लखदातार,
सब उसके लाल है,
सजता खाटू में उसका,
वो दरबार है,
उसके लाल है,
उसके लाल है,
हर टूटें दिल को,
जिसने लिया संभाल है,
वो सबका लखदातार,
सब उसके लाल है।।
– Singer & Lyrics –
Ladla Mohit
9627658621