चाँद से प्यारी दादी माँ,
जग से निराली है दादी माँ,
उस घर में खुशहाली आए,
जिस घर में हो ऐसी दादीमाँ।।
तर्ज – तारों सा चमकता।
संस्कार तुम्ही से पाए है,
तेरी ममता हम पे बरसती रहे,
तुमसे है खुशियाँ इस घर में,
तुम राज दिलों पे करती रहो,
परिवार की माला में तुमने,
यू प्रेम के मोती पिरोए है,
उस घर में खुशहाली आए,
जिस घर में हो ऐसी दादीमाँ।।
मेरी दादी है छाया करुणा की,
मेरी दादी है मूरत ममता की,
मेरी दादी के जैसी कोई नहीं,
बिन इनके हमें कही रहना नहीं,
जैसे है चाँद सितारों में,
मेरी दादी है एक हजारो में,
आनंदी बाई के चरणों में,
मिलती है खुशियाँ जन्नत की,
चांद से प्यारी दादीमाँ,
जग से निराली है दादीमाँ,
उस घर में खुशहाली आए,
जिस घर में हो ऐसी दादीमाँ।।
पड़पौत्र तेरा आशीष पाए,
वो भी संस्कारी बन जाए,
ना उम्र का पेहरा हो तुम पे,
मेरे मीत की दुआ ये रंग लाए,
रब हँसता हुआ रखे तुमको,
तुम तो परिवार की रानी हो,
उस घर में खुशहाली आए,
जिस घर में हो ऐसी दादीमाँ।।
चाँद से प्यारी दादी माँ,
जग से निराली है दादीमाँ,
उस घर में खुशहाली आए,
जिस घर में हो ऐसी दादीमाँ।।
Singer – Vicky D Parekh
Mere jivn Ka SBSe achh
Sir me khud ko rok nhi pya Rone se MERI dadi ab nhi h