मेरा जीवन हुआ गुलशन,
तुम्हारा नाम लेने से,
हुई आसान हर उलझन,
तुम्हारा नाम लेने से,
मेंरा जीवन हुआ गुलशन,
तुम्हारा नाम लेने से।।
मुझे अब गम के कांटे भी,
लगे है सैज फूलों की,
लगे है सैज फूलों की,
लगे पतझड़ अब सावन,
तुम्हारा नाम लेने से,
मेंरा जीवन हुआ गुलशन,
तुम्हारा नाम लेने से।।
ज़माने भर के दुखडो से,
भरी थी जिंदगी मेरी,
भरी थी जिंदगी मेरी,
मिला हर दर्द को मरहम,
तुम्हारा नाम लेने से,
मेंरा जीवन हुआ गुलशन,
तुम्हारा नाम लेने से।।
था खाली खाली सा ये मन,
ना कोई शोर ना रौनक,
ना कोई शोर ना रौनक,
महल मन का हुआ रोशन,
तुम्हारा नाम लेने से,
मेंरा जीवन हुआ गुलशन,
तुम्हारा नाम लेने से।।
जगत की दुनियादारी में,
बंधा था ‘सोनू’ का ये मन,
बंधा था ‘सोनू’ का ये मन,
की अब टुटा है हर बंधन,
तुम्हारा नाम लेने से,
मेंरा जीवन हुआ गुलशन,
तुम्हारा नाम लेने से।।
मेरा जीवन हुआ गुलशन,
तुम्हारा नाम लेने से,
हुई आसान हर उलझन,
तुम्हारा नाम लेने से,
मेंरा जीवन हुआ गुलशन,
तुम्हारा नाम लेने से।।
स्वर – अजय शर्मा जी।