मुझको बुलाले मेरे श्याम,
दोहा – अरज सुनले तू श्याम मेरी,
दिल का ये अफसाना,
सब जग ने ठुकराया है मोहन,
अब तुम ना मुझे ठुकराना।
मुझको बुलाले मेरे श्याम,
कान्हा छाले पड़े है,
मेरे पाँवो में,
मुझकों बुलालें मेरे श्याम।।
तर्ज – तुझको पुकारे मेरा प्यार।
चल चल के हारा,
मोहन मुरारी मेरी,
मंजिल ना पाई,
मैंने सुना है,
तूने कन्हैया सबकी,
बिगड़ी बनाई,
बिगड़े बनाए सबके काम,
कान्हा छाले पड़े है,
मेरे पाँवो में,
मुझकों बुलालें मेरे श्याम।।
दर्पण में दिल के,
मैंने बसाई श्याम,
तस्वीर तेरी,
इतनी बुरी क्यों,
लिखदी कन्हैया तूने,
तकदीर मेरी,
सहने पड़े है दुःख तमाम,
कान्हा छाले पड़े है,
मेरे पाँवो में,
मुझकों बुलालें मेरे श्याम।।
तुमको पुकारा,
बचपन के साथी आके,
दे जा सहारा,
जो जग से हारा,
उसको कन्हैया तूने,
पल में उबारा,
‘सोनू’ पुकारे तेरा नाम,
कान्हा छाले पड़े है,
मेरे पाँवो में,
मुझकों बुलालें मेरे श्याम।।
मुझकों बुलाले मेरे श्याम,
कान्हा छाले पड़े है,
मेरे पाँवो में,
मुझकों बुलालें मेरे श्याम।।
Singer – Sonu Kaushik