शनि जयंती आ गई रे,
झूमो नाचो रे गाओ,
दुनिया में खुशियाँ छा गई रे,
झूमो नाचो रे गाओ,
शनि जयंती आ गईं रे,
झूमो नाचो रे गाओ।।
तर्ज – भक्तो को दर्शन दे गयी रे।
शनि देव की जन्म जयंती,
हर घर हर आँगन में मनती,
भक्तों के मन को लुभा गई रे,
झूमो नाचो रे गाओ,
शनि जयंती आ गईं रे,
झूमो नाचो रे गाओ।।
सूर्य देव के पुत्र कहाए,
छायावीनंदन शनि हमारे,
सबके दुखड़े मिटा गई रे,
झूमो नाचो रे गाओ,
शनि जयंती आ गईं रे,
झूमो नाचो रे गाओ।।
शनिदेव को खूब सजायें,
रूप सलोना निरखे ही जाएं,
दर्शन की घड़ियाँ आ गई रे,
झूमो नाचो रे गाओ,
शनि जयंती आ गईं रे,
झूमो नाचो रे गाओ।।
नवग्रहों में श्रेष्ठ कहाए,
कलयुग में घर घर में पूजाए,
कहता ‘मनीष’ छवि भा गई रे,
झूमो नाचो रे गाओ,
शनि जयंती आ गईं रे,
झूमो नाचो रे गाओ।।
शनि जयंती आ गई रे,
झूमो नाचो रे गाओ,
दुनिया में खुशियाँ छा गई रे,
झूमो नाचो रे गाओ,
शनि जयंती आ गईं रे,
झूमो नाचो रे गाओ।।
स्वर – मनीष तिवारी जी।