सजधज कर जिस दिन,
मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा,
ना चांदी आएगी,
ना सोना काम आएगा,
ना चांदी आएगी।।
छोटा सा तू,
कितने बड़े अरमान हैं तेरे,
मिट्टी का तु,
सोने के सामान हैं तेरे,
मिट्टी की काया मिट्टी में,
जिस दिन समाएगी,
ना सोना काम आएगा,
ना चांदी आएगी।।
पर खोल ले तू पंछी,
पिंजरा तोड़ के उड़ जा,
माया महल के सारे,
बंधन छोड़ के उड़ जा,
धड़कन में जिस दिन,
मौत तेरी गुनगुनायेगी,
ना सोना काम आएगा,
ना चांदी आएगी।।
अच्छे किए तूने करम,
तो पाया मानुष तन,
और पाप की क्यों भटका,
है ये पापी तेरा मन,
ये पाप की नैया तुझको,
एक दिन डुबाएगी,
ना सोना काम आएगा,
ना चांदी आएगी।।
जैसा किया है तुने,
तेरे साथ जायेगा,
बोये है काँटे तूने,
कैसे फूल पायेगा,
ये पाप कि गठरी,
तुझे एक दिन डुबायेगी,
ना सोना काम आएगा,
ना चांदी आएगी।।
भाई भतीजे बन्धू सब,
मतलब के है सारे,
कोइ नही कुछ काम,
तेरे आएँगे प्यारे,
करनी हि तेरी बावरे,
संग तेरे जाएगी,
ना सोना काम आएगा,
ना चांदी आएगी।।
सजधज कर जिस दिन,
मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा,
ना चांदी आएगी,
ना सोना काम आएगा,
ना चांदी आएगी।।
स्वर – पंडित श्री सुरेश अवस्थी जी।