अवल वाणी अवल खाणी,
अवल रा उपकार है हा,
साची केता झूठी माने,
साची केता झूठी माने,
बड़ा ही बेकार है,
ओगणगारा गणा दिठा,
मुख मिठा अन्तर झूठा,
वचनो रा हिणा रे हा,
साधु भाई वे सैण हमारा रे हा।।
लेवता गुण ले नी जाणे,
अजोणो रा यार है हा,
गाफलो सुं हेत केसो,
गाफलो सुं हेत केसो,
कांई इयारो एतबार है,
ओगणगारा गणा दिठा,
मुख मिठा अन्तर झूठा,
वचनो रा हिणा रे हा,
साधु भाई वे सैण हमारा रे हा।।
आक ने अमृत सिंचयो,
सिंचयो निराधार है हा,
नीम रे नारेल केसा,
नीम रे नारेल केसा,
ऐसी नुगरा कार है,
ओगणगारा गणा दिठा,
मुख मिठा अन्तर झूठा,
वचनो रा हिणा रे हा,
साधु भाई वे सैण हमारा रे हा।।
चक्कर मे एक पत्थर मेलियो,
पत्थर रो परिवार है हा,
पैला मीठा पचे खारा,
पैला मीठा पचे खारा,
अंत खारो खार है,
ओगणगारा गणा दिठा,
मुख मिठा अन्तर झूठा,
वचनो रा हिणा रे हा,
साधु भाई वे सैण हमारा रे हा।।
उठो चैला शब्द झेलो,
खेड़ खांडे धार है हा,
बाबो डूंगरपुरी बोले,
बाबो डूंगरपुरी बोले,
प्रेल तणो आधार है,
ओगणगारा गणा दिठा,
मुख मिठा अन्तर झूठा,
वचनो रा हिणा रे हा,
साधु भाई वे सैण हमारा रे हा।।
अवल वाणी अवल खाणी,
अवल रा उपकार है हा,
साची केता झूठी माने,
साची केता झूठी माने,
बड़ा ही बेकार है,
ओगणगारा गणा दिठा,
मुख मिठा अन्तर झूठा,
वचनो रा हिणा रे हा,
साधु भाई वे सैण हमारा रे हा।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – पुखराज जी पटेल बांटा
9784417723
गुरू डूंगरपुरी चोहटन (बाडमेर) और उनके शिष्य शेख फरीद के संवाद का प्रथम भाग
बहुत अच्छा लगा
Good