तू क्या जाने की जब दीवाना,
दुखी होता है,
तेरी तस्वीर से लिपटकर,
बहुत रोता है,
तेरी तस्वीर से लिपटकर,
बहुत रोता है।।
कौन सुनता है यहाँ,
किससे फरियाद करे,
नाम बस ले वो तेरा,
तुझको ही याद करे,
तेरे चरणों में वो दो आंसू,
बहा लेता है,
तेरी तस्वीर से लिपटकर,
बहुत रोता है,
तेरी तस्वीर से लिपटकर,
बहुत रोता है।।
टूटता है जब दिल,
टूट जाते है भरम,
जान जाता है वो,
तेरी दुनिया का चलन,
हारने वालों का कोई भी,
नहीं होता है,
तेरी तस्वीर से लिपटकर,
बहुत रोता है,
तेरी तस्वीर से लिपटकर,
बहुत रोता है।।
आंसुओ से उसके,
तू पिघल जाएगा,
अपनी तस्वीर से तू,
श्याम निकल आएगा,
‘सोनू’ अरमान उसके दिल में,
यही होता है,
तेरी तस्वीर से लिपटकर,
बहुत रोता है,
तेरी तस्वीर से लिपटकर,
बहुत रोता है।।
तू क्या जाने की जब दीवाना,
दुखी होता है,
तेरी तस्वीर से लिपटकर,
बहुत रोता है,
तेरी तस्वीर से लिपटकर,
बहुत रोता है।।
स्वर – कुमार सानू।