मैया यशोदा थारो छोटो सो क़ानूडो,
मारो माखन खायो रे,
कोई इने समझाओ।।
हा में बृजभान री जाई,
मे तो दहीडो बेचवा आई,
मारो लपट लपट दही खायो रे,
कोई इने समझाओ।
मईया यशोदा थारो छोटो सो क़ानूडो,
मारो माखन खायो रे,
कोई इने समझाओ।।
हा कानो करे अन्यायी,
रस्ता में रोल मचायी,
मारी मटकिया फोड़ गिरावे हो,
कोई इने समझाओ।
मईया यशोदा थारो छोटो सो क़ानूडो,
मारो माखन खायो रे,
कोई इने समझाओ।।
हा नन्द बाबा रे हाला,
क़ानूड़ा ने पकड़ लेजावा,
हो इने माता कनू खालडी खिंचावा रे,
कोई इने समझाओ।
मईया यशोदा थारो छोटो सो क़ानूडो,
मारो माखन खायो रे,
कोई इने समझाओ।।
हा चन्द्रसखी यस गावे,
नंदलालो मुरली बजावे,
ओतो बेड़ा पार लगावे हो,
कोई इने समझाओ।
मईया यशोदा थारो छोटो सो क़ानूडो,
मारो माखन खायो रे,
कोई इने समझाओ।।
मैया यशोदा थारो छोटो सो क़ानूडो,
मारो माखन खायो रे,
कोई इने समझाओ।।
गायक- माधु दास खेजड़ली ( जोधपुर )
प्रेषक – प्रकाश पालीवाल
8619450278