भक्ति रस में है शक्ति बड़ी,
श्याम रट ले घड़ी दो घड़ी,
बित जाए उमरियाँ तेरी,
श्याम रट ले घड़ी दो घड़ी।।
तर्ज – जिंदगी की ना टूटे लड़ी।
ज़िंदगी यूँ गुजर जाएगी,
देखता ही तू रह जायेगा,
फिर तू कर चाहे लाखो जतन,
गुजरा वक़्त नहीं आएगा,
वो नहीं आएगा,
भाग्य रेखा है किसने पढ़ी,
श्याम रट ले घड़ी दो घड़ी,
भक्ति रस मे हैं शक्ति बड़ी,
श्याम रट ले घडी दो घडी।।
आता है जो भी संसार में,
जाना पड़ता है संसार से,
पार करले ये जीवन की नैया,
श्याम नाम की पतवार से,
इनकी पतवार से,
रह ना जाये भवर में खड़ी,
श्याम रट ले घड़ी दो घड़ी,
भक्ति रस मे हैं शक्ति बड़ी,
श्याम रट ले घडी दो घडी।।
आओ खाटू वाले की शरण,
मिल के गाओ सब इनके भजन,
बस लगा लो इन्ही से लगन,
रहो इसकी धुन में मगन,
इसकी धुन में मगन,
मेरे मोहन की महिमा बड़ी,
श्याम रट ले घड़ी दो घड़ी,
भक्ति रस मे हैं शक्ति बड़ी,
श्याम रट ले घडी दो घडी।।
भक्ति रस में है शक्ति बड़ी,
श्याम रट ले घड़ी दो घड़ी,
बित जाए उमरियाँ तेरी,
श्याम रट ले घड़ी दो घड़ी।।
स्वर – गोपाल जी सेन।
प्रेषक – रेखा भारद्वाज।