दया करो गुरू शिष्य ने तारो,
भ्रम क्रम मारी ममता मारो,
दया करों गुरू शिष्य ने तारो।।
जन्म जन्म मे बहुत दुख पायो,
तांन्ते शरणे आपके आयो,
दया करों गुरू शिष्य ने तारो,
भ्रम क्रम मारी ममता मारो।।
तुम दाता मे मगता तेरा,
सुनिये सतगुरू शिमरथ मेरा,
दया करों गुरू शिष्य ने तारो,
भ्रम क्रम मारी ममता मारो।।
ऐसा निज भेद भेद नही पाऊ,
आवा गिवण बहुरिन लाऊ,
दया करों गुरू शिष्य ने तारो,
भ्रम क्रम मारी ममता मारो।।
कहे सुखराम दान देवो साई,
प्रेम पद बिना लेसु नाही,
दया करों गुरू शिष्य ने तारो,
भ्रम क्रम मारी ममता मारो।।
दया करो गुरू शिष्य ने तारो,
भ्रम क्रम मारी ममता मारो,
दया करों गुरू शिष्य ने तारो।।
Singer – Shyam Kumawat
प्रेषक – राजु असावरी
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