खाटू वाले श्याम की,
महिमा सै भारी,
भरता झोली सबकी,
चाहे नर हो या नारी।।
बाँझनिया की गोदी भर दी,
आंध्यां नै आँख्यां,
कोढ़ी ठीक होता हमने,
इस दर पै देख्या,
अज़ब निराला देव सै,
यो मोरछड़ी धारी ,
भरता झोली सबकी,
चाहे नर हो या नारी।।
दीना का यो साथ निभाकै,
बण ग्या दीनानाथ,
दर पै जो भी माथा टेकै,
रहवै नहीं अनाथ,
बाबा तेरी तीन लोक में,
चालै नम्बरदारी,
भरता झोली सबकी,
चाहे नर हो या नारी।।
श्यामकृपा ‘मनदीप’ पै होज्या,
बण ज्या बड़भागी,
कहवै ‘गोपाल’ दर्शन करके,
किस्मत सै जागी,
झूठा रिश्ता दुनिया का,
साँची तेरी यारी,
भरता झोली सबकी,
चाहे नर हो या नारी।।
खाटू वाले श्याम की,
महिमा सै भारी,
भरता झोली सबकी,
चाहे नर हो या नारी।।
Singer – Mandeep Jangra