सुख दुःख दो पहलु है,
हमें हँसके सहना है,
जैसे भी रखोगे तुम,
हमें वैसे रहना है।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा।
दुःख आएगा बाबा,
तेरी याद भी आएगी,
तेरी याद में ये अखियां,
मेरी नीर बहाएगी,
नैनो के उस जल से,
तेरे चरण को धोना है,
जैसे भी रखोगे तुम,
हमें वैसे रहना है,
सुख दुःख दो पहलू है,
हमें हँसके सहना है।।
सुख तो केवल बाबा,
अहसास दिलाता है,
तेरी किरपा मुझ पर है,
विश्वास जगाता है,
जिस सुख में तू ना हो,
उसका क्या करना है,
जैसे भी रखोगे तुम,
हमें वैसे रहना है,
सुख दुःख दो पहलू है,
हमें हँसके सहना है।।
दुःख में जो संग में रहो,
तो लाखों दुःख देना,
जिस सुख में भूलूँ तुम्हे,
ऐसा सुख ना देना,
तेरे ‘श्याम’ को बस बाबा,
तेरे भावों में बहना है,
जैसे भी रखोगे तुम,
हमें वैसे रहना है,
सुख दुःख दो पहलू है,
हमें हँसके सहना है।।
सुख दुःख दो पहलु है,
हमें हँसके सहना है,
जैसे भी रखोगे तुम,
हमें वैसे रहना है।।
Singer – Ajit Manoj (devghar)