कईया देख लु उठा कै पल्लौ,
थाणै मैं सरकार,
कइयां देख लु,
सासु जी के संग में आई,
खाटू पहली बार,
कइयां देख लु उठा कै पल्लौ,
थाणै मैं सरकार,
कइयां देख लु।।
घुँघटियो में दिखे कोनी,
थारो रुप सलोनों जी,
नन्दौली की नजरें ढेडी,
हौवे बारम्बार,
कइयां देख लु उठा कै पल्लौ,
थाणै मैं सरकार,
कइयां देख लु।।
घुँघट रो रिवाज है म्हारै,
थै क्यों बैठो पर्दे में,
रंग गुलाल लगाने आई,
मैं थारै दरबार,
कइयां देख लु उठा कै पल्लौ,
थाणै मैं सरकार,
कइयां देख लु।।
म्हारै भी हिवडै में बस जा,
झांकी थारी साँवरा,
निशदिन थारां दर्शन पावुं,
ध्यावुं सौं सौं बार,
कइयां देख लु उठा कै पल्लौ,
थाणै मैं सरकार,
कइयां देख लु।।
थै तो जानो मन की सारी,
म्हारै मन में खोट नहीं,
मिलके ने ” जालान ” से म्हारी,
हो गई अँखियाँ,
कइयां देख लु उठा कै पल्लौ,
थाणै मैं सरकार,
कइयां देख लु।।
कईया देख लु उठा कै पल्लौ,
थाणै मैं सरकार,
कइयां देख लु,
सासु जी के संग में आई,
खाटू पहली बार,
कइयां देख लु उठा कै पल्लौ,
थाणै मैं सरकार,
कइयां देख लु।।
गायक – रोमी जी।
– भजन रचयिता –
पवन जालान जी।
94160-59499 भिवानी (हरियाणा)