संगत बिना नर कदी न सुधरे,
अरे ताली नी बाजे एकन हाथे ओ,
साधु भई हरिजन वे ज्यारे साथे ए जी हा।।
चोर सहुकार ए संगत किनी,
चोर सहुकार संगत किनी,
हिलमिल चाल्या दोनु साथे,
अरे सहुकार सुतो धन चोर लेगीयो,
अरे सहुकार सुतो धन चोर लेगीयो,
बतलायो आयो बाके ओ साधु भई,
हरिजन वे ज्यारे साथे ए जी हा,
संगत बिना नर कदीयना सुधरे,
अरे ताली नी बाजे एकन हाथे ओ,
साधु भई हरिजन वे ज्यारे साथे।।
अरे खोटा री संगत सु खोटो केवायो,
नर क्यु रे गयो इनरे साथे,
अरे खोटा री संगत सु खोटो केवायो जी,
क्यों गयो इनरे साथे,
धन गमायो थे ठपको लगायो,
धन गमायो नर ठपको लगायो,
ए मांजनो गमायो दोनु हाथे ओ,
हरिजन वे ज्यारे साथे ए जी हा,
संगत बिना नर कदीयना सुधरे,
अरे ताली नी बाजे एकन हाथे ओ,
साधु भई हरिजन वे ज्यारे साथे।।
अरे हंसो बुगलो एक रंग रो,
ए बैठो सरवर पाल माते,
हंसलो तो नित मोती चुग रयो,
हंसलो तो नित मोतीडा चुगे रे,
ए बुगलो पड्यो रे बराते ओ साधु भई,
बुगलो पड्यो रे बराते ओ साधु भई,
हरिजन वे ज्यारे साथे ए जी हा,
संगत बिना नर कदीयना सुधरे,
अरे ताली नी बाजे एकन हाथे ओ,
साधु भई हरिजन वे ज्यारे साथे।।
ओ दिल्ली रे बादशाह बिल्ली ने बढादी,
दिपक धर्यो सिर माते,
अरे दिल्ली रे बादशाह बिल्ली ने बढादी,
दिपक धर्यो सिर माते,
मंजारी ने मुसोजी दिखिया,
मंजारी ने मुसोजी दिखिया,
दिपक बुजोयो दे लाते ओ साधु भई,
हरिजन वे ज्यारे साथे ए जी हा,
संगत बिना नर कदीयना सुधरे,
अरे ताली नी बाजे एकन हाथे ओ,
साधु भई हरिजन वे ज्यारे साथे।।
ओ कहत कबीरसा सुनो साधु भई,
राम भजन करजो साथे जी,
बिना भजन थे पार नी उतरो,
हरि रे भजन बिना पार नी उतरो,
जमो मारेला दे लाते ओ साधु भई,
हरिजन वे ज्यारे साथे ए जी हा,
संगत बिना नर कदीयना सुधरे,
अरे ताली नी बाजे एकन हाथे ओ,
साधु भई हरिजन वे ज्यारे साथे।।
संगत बिना नर कदी न सुधरे,
अरे ताली नी बाजे एकन हाथे ओ,
साधु भई हरिजन वे ज्यारे साथे ए जी हा।।
गायक – श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818