आरती कीजे शैल सुता की,
जगदम्बा की आरती कीजे,
आरती कीजे जगदम्बा की,
आरती कीजे शैंल सुता की।।
स्नेह सुधा सुख सुन्दर लीजै,
जिनके नाम लेट दृग भीजै,
ऐसी वह माता वसुधा की,
जगदम्बा की आरती कीजे,
आरती कीजे शैंल सुता की।।
पाप विनाशिनी कलिमल हारिणी,
दयामयी भवसागर तारिणी,
शस्त्र धारिणी शैल विहारिणी,
बुधिराशी गणपति माता की,
जगदम्बा की आरती कीजे,
आरती कीजे शैंल सुता की।।
सिंहवाहिनी मातु भवानी,
गौरव गान करें जग प्राणी,
शिव के हृदयासन की रानी,
करें आरती मिलजुल ताकि,
जगदम्बा की आरती कीजे,
आरती कीजे शैंल सुता की।।
आरती कीजे शैल सुता की,
जगदम्बा की आरती कीजे,
आरती कीजे जगदम्बा की,
आरती कीजे शैंल सुता की।।
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Rahul Upadhyay
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