ओ खाटू वाले बाबा,
मुझे तेरा आसरा है,
तुझ बिन बता सांवरिया,
मेरा कौन सहारा है,
ओ खाटु वाले बाबा,
मुझे तेरा आसरा है।।
जग रंग मंच है ये,
किरदार हैं अनेको,
जब वक़्त आये छोटा,
इन्हें आजमा के देखो,
ढूंढे नही ये मिलते,
सब करते किनारा हैं,
ओ खाटु वाले बाबा,
मुझे तेरा आसरा है।।
उंगली पकड़ के चलना,
जिनको कभी सिखाया,
मेरे घर को देख जलता,
हर शख्श मुस्कुराया,
फिर देख कर के कहते,
ये कैसा बेचारा है,
ओ खाटु वाले बाबा,
मुझे तेरा आसरा है।।
जिन पर मुझे यकीं था,
ठोकर उन्ही से खायी,
अब श्यामकृपा पाकर,
जीवन मे खुशियां छाई,
गोपाल श्याम भज ले,
ये नाम पियारा है,
ओ खाटु वाले बाबा,
मुझे तेरा आसरा है।।
ओ खाटू वाले बाबा,
मुझे तेरा आसरा है,
तुझ बिन बता सांवरिया,
मेरा कौन सहारा है,
ओ खाटु वाले बाबा,
मुझे तेरा आसरा है।।
गायक एवं प्रेषक – मनदीप जांगडा
9893496946
रचना – हेमन्त गोयल “श्यामकृपा’