कीर्तन वाली रात है,
बाबा आ भी जाओ,
सांवरिया आ भी जाओ,
पलक बिछाए बैठे है हम,
पलक बिछाए बैठे है हम,
आ कर दरश दिखाओ,
किर्तन वाली रात है,
बाबा आ भी जाओ,
सांवरिया आ भी जाओ।।
तर्ज – जनम जनम का है हमारा।
करने तेरा अभिनन्दन,
ये दरबार सजाया,
सुन्दर सुन्दर फूलों का,
गजरा भी मंगवाया,
प्रेमी बैठे राह निहारे,
प्रेमी बैठे राह निहारे,
आकर मान बढाओ,
किर्तन वाली रात है,
बाबा आ भी जाओ,
सांवरिया आ भी जाओ।।
ज्योत जगाई तेरी,
चाव बहुत है भारी,
भांति भांति का भोग है,
सारी है तैयारी,
सूना है दरबार सांवरे,
सूना है दरबार सांवरे,
आसान प्रभु जमाओ,
किर्तन वाली रात है,
बाबा आ भी जाओ,
सांवरिया आ भी जाओ।।
भाव भरी मनुहार है,
आ जाओ वरदानी,
भजनों की बौछार है,
अर्ज करे ‘चोखानी’,
हाथ जोड़ के ‘जुबेर’ बैठा,
हाथ जोड़ के ‘जुबेर’ बैठा,
और नही तरसाओ,
किर्तन वाली रात है,
बाबा आ भी जाओ,
सांवरिया आ भी जाओ।।
कीर्तन वाली रात है,
बाबा आ भी जाओ,
सांवरिया आ भी जाओ,
पलक बिछाए बैठे है हम,
पलक बिछाए बैठे है हम,
आ कर दरश दिखाओ,
किर्तन वाली रात है,
बाबा आ भी जाओ,
सांवरिया आ भी जाओ।।
Singer – Zubair Ajmeri Ji
Lyricist – Shri Pramod Chokhani Ji
Good