सुख रा महल सोवनी साजा,
दोहा – समय समय की बात है,
और समय समय में ठीक,
समय बनावे बादशाह,
भई समय मंगावे भीख।
सुख रा महल सोवनी साजा,
ए सूख रा महल सोवनी साजा,
बारी भरमदेलीरा राजा,
बारी भरमदेलीरा राजा ओ,
ज्यारी अविगत से गत होई रे,
ज्यारी अविगत से गत होई रे,
मारो मन माला मे पोई रे,
ए ज्याने ओम सोम मे जोई रे,
ज्याने ओम सोम मे जोई रे,
मारो मन माला मे पोई रे,
मारो मन माला मे पोई रे ओ जी।।
ए पाच चोर चुगती से पकडो,
ए पाच चोर चुगती से पकडो,
ए तीन गुणो ने ऐसे घेरो,
अरे तीन गुणो ने ऐसे घेरो,
ओ ज्यारी वेगम से गम होई रे,
ज्यारी वेगम से गम होई रे,
मारो मन माला मे पोई रे,
ए ज्याने ओम सोम मे जोई रे,
ज्याने ओम सोम मे जोई रे,
मारो मन माला मे पोई रे,
मारो मन माला मे पोई रे ओ जी।।
ए तालो लागो तलवाने बोरे,
ए तालो लागो तलवाने बोरे,
अरे सतगुरु बिना कैसे खोले,
अरे सतगुरु बिना कैसे खोले,
ओ खुशी जगत कर जोई रे,
अरे खुशी जगत कर जोई रे,
मारो मन माला मे पोई रे,
ए ज्याने ओम सोम मे जोई रे,
ज्याने ओम सोम मे जोई रे,
मारो मन माला मे पोई रे,
मारो मन माला मे पोई रे ओ जी।।
ए शीतलनाथ संतो की स्वामी,
शीतलनाथ संतो की स्वामी,
अंतरदास वो घननामी,
अंतरदास वो घननामी,
ओ ज्याने दास कबीरसा जोई रे,
ज्याने दास कबीर सा जोई रे,
मारो मन माला मे पोई रे,
ए ज्याने ओम सोम मे जोई रे,
ज्याने ओम सोम मे जोई रे,
मारो मन माला मे पोई रे,
मारो मन माला मे पोई रे ओ जी।।
सुख रा महल सोवनी साजा,
ए सूख रा महल सोवनी साजा,
बारी भरमदेलीरा राजा,
बारी भरमदेलीरा राजा ओ,
ज्यारी अविगत से गत होई रे,
ज्यारी अविगत से गत होई रे,
मारो मन माला मे पोई रे,
ए ज्याने ओम सोम मे जोई रे,
ज्याने ओम सोम मे जोई रे,
मारो मन माला मे पोई रे,
मारो मन माला मे पोई रे ओ जी।।
गायक – संत कन्हैयालाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818