इतना ही बता दो आज,
क्या दिल में छुपे हैं राज,
मुझे न भूलो तुम,
तुम्हें दिल से दूं आवाज,
प्रभु आज बचा लो लाज,
मुझे न भूलो तुम,
ईतना ही बता दो आज,
क्या दिल में छुपे हैं राज,
मुझे न भूलो तुम।।
तर्ज – चिठ्ठी ना कोई संदेश।
इस जग ने भी हरदम,
मुझको तो दिए हैं ग़म,
रहती हैं अंखियां नम,
निकले ना आहें कम,
ओ यार मेरे दिलदार,
अब कैसे करूं इकरार,
मुझे न भूलो तुम,
ईतना ही बता दो आज,
क्या दिल में छुपे हैं राज,
मुझे न भूलो तुम।।
दिल आह भरे हरपल,
तू आज नहीं तो कल,
बस प्यार जता एक पल,
बन जा फिर यारा गल,
फिर जाओ कहीं परदेश,
न छोडूं मैं तेरा देश,
मुझे न भूलो तुम,
ईतना ही बता दो आज,
क्या दिल में छुपे हैं राज,
मुझे न भूलो तुम।।
न चले मुझे यूं पता,
खुद की तो श्याम खता,
जो भी है साफ बता,
ना रह के दूर सता,
“जालान” जो खेले खेल,
दो दिलों का है ये मेल,
मुझे न भूलो तुम,
ईतना ही बता दो आज,
क्या दिल में छुपे हैं राज,
मुझे न भूलो तुम।।
इतना ही बता दो आज,
क्या दिल में छुपे हैं राज,
मुझे न भूलो तुम,
तुम्हें दिल से दूं आवाज,
प्रभु आज बचा लो लाज,
मुझे न भूलो तुम,
ईतना ही बता दो आज,
क्या दिल में छुपे हैं राज,
मुझे न भूलो तुम।।
भजन रचयिता – पवन जालान जी।
9416059499 भिवानी (हरियाणा)
बहुत अच्छी है आगे भी ऐसी ही भजन लोड करे