चरणों में बाबा तेरे,
रहे मन मेरा,
शाम सवेरे करूँ,
सुमिरण तेरा,
अँखियों को मिले बाबा,
दर्शन तेरा,
चरणों में बीते अब,
जीवन मेरा,
शाम सवेरे करूँ,
सुमिरण तेरा।।
तर्ज – झिलमिल सितारों का।
तुमने ही बाबा मेरी,
जिंदगी सवारी है,
फँसी मझधार में जब,
नैया हमारी है,
तेरी ही दुआ से खिला,
आँगन मेरा,
शाम सवेरे करूँ,
सुमिरण तेरा।।
ऐसे पाई किरपा जैसे,
तरुवर की छाया है,
रोग शोक मिटे,
हुई कंचन काया है,
फूलों से भर दिया,
दामन मेरा,
शाम सवेरे करूँ,
सुमिरण तेरा।।
बाबा तुमने हमको बड़े,
नाज़ों से पाला है,
गम के अंधेरो में भी,
तुमसे उजाला है,
घर में लगाओ मेरे,
पावन फेरा,
शाम सवेरे करूँ,
सुमिरण तेरा।।
चरणों में बाबा तेरे,
रहे मन मेरा,
शाम सवेरे करूँ,
सुमिरण तेरा,
अँखियों को मिले बाबा,
दर्शन तेरा,
चरणों में बीते अब,
जीवन मेरा,
शाम सवेरे करूँ,
सुमिरण तेरा।।
स्वर – साध्वी पूर्णिमा दीदी।
Ak din bole prabhu ramchandra sunkar bhaut acha laga jai Shree ram