कटे घड़ायो गजरो,
ओ कटे घडायो बाजू,
कटे घडायी रे ओ थारी मुंदडली।।
गोकुल घडायो गजरो,
ओ मथुरा घडायो बाजू,
आ हेजे घडाई ओ हरि थारी मुदडली।।
कतरा लाख रो गजरो,
ओ कतरा लाख रो बाजू,
कतरा लाख री रे हरि थारी मुदडली।।
12 लाख रो गजरो,
13 लाख रो बाजू,
सवा करोड री रे रोम थारी मुदडली।।
कटे पेरू रे गजरो,
ओ कटे पेरू बाजू,
कटे पेरू रे हरि थारी मुदडली।।
हाथ मे पेरू गजरो,
ओ बोयो मे पेरू बाजू,
सटुडी रमावु रे हरि थारी मुदडली।।
किकण बाजे गजरो,
ओ किकण बाजे बाजू,
किकण बाजे रे हरि थारी मुदडली।।
रमझम बाजे गजरो,
ओ छम छम वाजे बाजू,
पियु पियु बोले रे हरि थारी मुदडली।।
कणीने लादो गजरो,
ओ कणीने लादो बाजू,
कणीने लादी रे रोम धारी मुदडली।।
राधाजी ने लादी गजरो,
रुकमणजी ने लादी बाजू,
मीरा बाई लादी रे हरि थारी मुदडली।।
अमर वेजो गजरो,
अमर वेजो बाजू,
बाहरे फेलोनी रे हरि थारी मुदडली।।
कटे घड़ायो गजरो,
ओ कटे घडायो बाजू,
कटे घडायी रे ओ थारी मुंदडली।।
प्रेषक – प्रवीण जोशी भीनमाल
9929453096