राखो लाज हमारी,
सांवरा गिरधारी,
द्रोपती शरण तुम्हारी सांवरीया,
राखों लाज हमारी,
सांवरा गिरधारी।।
लाज रखी पहलाद भगत री,
होली जल गई सारी,
खम्भ फाङ हिरणाकुश मारियो,
नरसिंह रूप अवतारी,
सांवरा गिरधारी,
राखों लाज हमारी,
सांवरा गिरधारी।।
जैसे लाज रखी पारथ की,
भारत युद्ध रे माई,
राजा राम रथ हाकियो रे,
चक्र सुदर्शन धारी,
सांवरा गिरधारी,
राखों लाज हमारी,
सांवरा गिरधारी।।
इन्द्र कोप कियो ब्रज ऊपर,
राखी लाज बिहारी,
हम ही पुकारत देर भई कैसे,
कैसे रहे विचारी,
सांवरा गिरधारी,
राखों लाज हमारी,
सांवरा गिरधारी।।
भूप समूह शक्ल मिल बैठे,
बङे बङे वृताधारी,
भीष्म द्रोण कर्ण दुषासन,
इनमें कुबदा विचारी,
सांवरा गिरधारी,
राखों लाज हमारी,
सांवरा गिरधारी।।
अब ही तो कुछ बिगङियो नही,
खेचत चीर पुकारी,
सुर कहे तुम लाज मरोगे,
आखिर देह ऊगाङी,
सांवरा गिरधारी,
राखों लाज हमारी,
सांवरा गिरधारी।।
राखो लाज हमारी,
सांवरा गिरधारी,
द्रोपती शरण तुम्हारी सांवरीया,
राखों लाज हमारी,
सांवरा गिरधारी।।
प्रेषक – महेंद्र पंवार नारनाङी
+919001717456
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